कर्म-फल
कर्म किया तो फल मिलेगा।
सेवक ने नहलाया तो सेवक को रोटी मिलेगी।
सेठ को नहलाया तो बची रोटी, भगवान को तो पहली रोटी, चुपड़ी, इज्ज़त के साथ।
यही सिद्धांत अन्य में भी लगा लेना – भोजन की थाली सजाई या पूजा की !!
मुनि श्री सुधासागर जी
कर्म किया तो फल मिलेगा।
सेवक ने नहलाया तो सेवक को रोटी मिलेगी।
सेठ को नहलाया तो बची रोटी, भगवान को तो पहली रोटी, चुपड़ी, इज्ज़त के साथ।
यही सिद्धांत अन्य में भी लगा लेना – भोजन की थाली सजाई या पूजा की !!
मुनि श्री सुधासागर जी
One Response
कर्म का मतलब जीव मन वचन काय के द्वारा प़तिक्षण कुछ न कुछ करता है,यही क़िया या कर्म है। इसमें कर्म चेतना एवं कर्म फल मिलते हैं।
कर्म सिद्धांत पर जो उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। जीवन में अच्छे कर्म करोगे तो अच्छा फल मिलता है, यदि गलत कर्म करोगे तो उसी अनुसार फल मिलता है। अतः जीवन में कर्म सिद्धांत पर श्रद्वान करना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।