लोभ कषाय के 2 प्रकार –
प्रशस्त – हितकारी
अप्रशस्त – अहितकारी
बाकी तीनों कषाय अप्रशस्त ही होती हैं ।
ज्ञानशाला
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4 Responses
कषाय—आत्मा में होने वाली को कषाय कहते हैं।क़ोध,मान,माया और लोभ चार कषाये होती है।
लोभ कषाय दो प्रकार की होती हैं , जिसमें प़शस्त हितकारी और अप़शस्त अहितकारी होती हैं।बाकी तीनों कषाय अप़शस्त ही होती हैं।
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कषाय—आत्मा में होने वाली को कषाय कहते हैं।क़ोध,मान,माया और लोभ चार कषाये होती है।
लोभ कषाय दो प्रकार की होती हैं , जिसमें प़शस्त हितकारी और अप़शस्त अहितकारी होती हैं।बाकी तीनों कषाय अप़शस्त ही होती हैं।
Lobh, “हितकारी” kaise hota hai?
इस समय तुम हितकारी लोभ से ही तो site देख रहे हो !
Okay.