कृतकृत वेदन

यदि कृतकृत वेदन ने नरक आयु बंध कर लिया हो तो वह क्षयो. सम्यग्दर्शन लेकर नरक जायेगा,
और वहाँ अपर्याप्तक अवस्था में ही क्षायिक सम्यग्दर्शन हो जायेगा ।

पं. रतनलाल बैनाड़ा जी

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One Response

  1. वेदनीय कर्म, जिस कर्म के उदय से जीव सुख दुख का वेदन अर्थात अनुभव करते हैं वह कहलाता है। जिसने कृत कृत वेदन से पहले नरक आयु का बंध कर लिया वह क्षयोपशमिक सम्यग् दर्शन लेकर नरक जायेगा। अतः वहां अपर्याप्तक अवस्था में ही क्षायिक सम्यग्दर्शन हो सकता है।

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