कृपण का मतलब किसी का आभार नहीं मानना है। उपरोक्त कथन सत्य है कि सबसे बड़ा कृपण वह है जो किसी की कृपा नहीं मानता है। Reply
कृपण का अर्थ तो कंजूस या सूम है। एक और अर्थ है: नीच। जो कृपा अथवा उपकार को न माने, उसे कृतघ्न कहते हैं, अर्थात् किये हुए को नष्ट करने वाला। Reply
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कृपण का मतलब किसी का आभार नहीं मानना है। उपरोक्त कथन सत्य है कि सबसे बड़ा कृपण वह है जो किसी की कृपा नहीं मानता है।
कृपण का अर्थ तो कंजूस या सूम है। एक और अर्थ है: नीच।
जो कृपा अथवा उपकार को न माने, उसे कृतघ्न कहते हैं, अर्थात् किये हुए को नष्ट करने वाला।
बहुत सुन्दर।