केवलज्ञान में भविष्य का ज्ञान निश्चित है। पर हमारे लिए केवलज्ञान का स्वरूप ही जानना उपयोगी है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र – 1/29)
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने केवलज्ञान को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने केवलज्ञान को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।