कोरोना और धर्म
भगवान महावीर ने खुद के दर्शन करने को नहीं कहा, पूजादि करने को भी बाद में कहा; पहले खानपान की शुद्धता पर जोर दिया; जो जिंदा रखता है तथा ग़लत भोजन बीमारियाँ पैदा करता है । भोजन में भी पहले सामिष छोड़ने को कहा ।
धर्म पहले सावधान करता है, कर्म/ कोरोना वही सावधानियां बाद में करता/ करने को मजबूर कर देता है ।
मुनि श्री सुधा सागर जी
4 Responses
उक्त कथन सत्य है कि भगवान् महावीर स्वामी ने खुद के दर्शन के लिए नहीं कहा है बल्कि उन्होंने पूजादि करने के लिए बाद में कहा , लेकिन इसके पहिले खानपान की शुद्धता पर जोर दिया गया था। जो जिन्दा रखता है और गलत भोजन बीमारियों पैदा करता है। भोजन में भी पहिले सामिष छोड़ने को कहा गया था। भगवान् महावीर स्वामी ने सर्वप्रथम अहिंसा का उपदेश दिया गया था। इसलिए धर्म सावधान करता है कि आप कैसे कर्म करते हो ,इसी प्रकार कोराना में भी वही सावधानियां करने के लिए बाध्य करता है और मजबूर करता है। भगवान् महावीर स्वामी ने एक चींटी को मारने के लिए मना किया था। अतः कोरोना से बचने के लिए भगवान महावीर स्वामी जी के उपदेश का पालन करना आवश्यक है ताकि कोराना से सुरक्षित रह सकते हैं।
“सामिष” ka kya meaning hai, please?
Non-veg
Okay.