क्रोध और आंधी दोनों बराबर होते हैं !
शांत होने के बाद ही पता चलता है कि कितना नुकसान हो गया है !!
(सुरेश)
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क़ोध का मतलब अपने और दूसरे के घात या अहित करने रुप क़ूर परिणाम को कहते हैं।
उपरोक्त कथन सत्य है कि क़ोध और आंधी दोनों बराबर होते हैं। इसमें शांत होने के बाद ही पता चलता है कि कितना नुक्सान होता है। अतः जीवन में क़ोध को छोड़ना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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क़ोध का मतलब अपने और दूसरे के घात या अहित करने रुप क़ूर परिणाम को कहते हैं।
उपरोक्त कथन सत्य है कि क़ोध और आंधी दोनों बराबर होते हैं। इसमें शांत होने के बाद ही पता चलता है कि कितना नुक्सान होता है। अतः जीवन में क़ोध को छोड़ना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।