क्षमा

क्षमा करने से “क्रोध” समाप्त, क्षमा माँगने से “मान” समाप्त ।

(मंजू)

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One Response

  1. क्षमा शब्द का जैन धर्म में महत्वपूर्ण योगदान रहता है। अतः उक्त कथन सत्य है कि क्षमा करने से क़ोध समाप्त होता है जबकि क्षमा मांगने से मान समाप्त होता है। अतः क्षमा करना या मांगना ही जीवन में कल्याण करता है।

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