चिंता / प्रसन्नता
विचारों/भावनाओं को नियंत्रित करना कठिन है, क्रियाओं को आसान ।
पर भावनायें और क्रियायें आपस में Connected रहती हैं ।
सो क्रियाओं में प्रसन्नता दर्शायें, चिंतायें/भावनायें अपने आप सुधर जायेंगी ।
(श्रीमति शर्मा)
विचारों/भावनाओं को नियंत्रित करना कठिन है, क्रियाओं को आसान ।
पर भावनायें और क्रियायें आपस में Connected रहती हैं ।
सो क्रियाओं में प्रसन्नता दर्शायें, चिंतायें/भावनायें अपने आप सुधर जायेंगी ।
(श्रीमति शर्मा)
2 Responses
Vice-versa is also true. Agar hum apni bhavnaaon ko control karein, to kriya bhi niyantrit ho jaayegi.
उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है – – – – – – – – भावना ओर क़िया आपस में एक दूसरे से जुड़ी हुई है । अतः क़ियायों में प़सन्नता दर्शायें तो चिन्ताओं ओर भावनाओं को सुधारने के लिए सहायक होती है। जब चिन्ताओं को नियंत्रित कर लेते हैं तब ही जीवन में प़सन्नता होगी। अतः धर्म ध्यान को आत्म सात करने पर क़ियायों में विशुध्दता प्राप्त होगी इससे चिन्ता मुक्त हो सकते हैं ।