रोगी को निर्भय और सकारात्मक करना ही सबसे बड़ी चिकित्सा है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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चिकित्सा का तात्पर्य जीवन के हर तरह का इलाज करना है। उक्त बीमारी मानसिक या काया की हो।
अतः आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने बहुत सुन्दर उपाय बताया गया है कि रोगी को निर्भय और सकारात्मक करना ही सबसे बड़ी चिकित्सा होती है। अतः रोगी को कोई बीमारी हो तो उससे डरना नहीं चाहिए एवं सकारात्मक सोच होना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
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चिकित्सा का तात्पर्य जीवन के हर तरह का इलाज करना है। उक्त बीमारी मानसिक या काया की हो।
अतः आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने बहुत सुन्दर उपाय बताया गया है कि रोगी को निर्भय और सकारात्मक करना ही सबसे बड़ी चिकित्सा होती है। अतः रोगी को कोई बीमारी हो तो उससे डरना नहीं चाहिए एवं सकारात्मक सोच होना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।