जीओ और जीने दो/उपकार

जीओ और जीने दो में स्व-चतुष्टय है, सब अपने अपने से जी रहे हैं, मैं मारूँगा नहीं, यह एक सिद्धांत है ।
उपकार में -> कोई मर रहा है, मैं उसे बचाऊँगा ।
उपकार- -निमित्त/नैमित्तिक संबंध है ।

आर्यिका श्री विज्ञानमति माताजी

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One Response

  1. उक्त कथन सत्य है कि जीओ और जीने दो में सर्व चटुष्टय है लेकिन सब अपने अपने से जी रहे हैं लेकिन मारुंगा नहीं यह एक सिद्धांत है। जियो और जीने का ही सिद्धांत है कि कोई मर रहा है, में उसको बचाऊंगा यह उपकार है लेकिन उपकार निमित्त ओर निमित्तिक संबंध है। जीवन में जिओ और जीने के सिद्धांत पर चलना आवश्यक है ताकि भगवान् महावीर स्वामी के उपदेश को सार्थक कर सकते हैं।

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