जीव रक्षा
जीव रक्षा क्यों, आत्मा तो कभी मरती नहीं ?
ताकि मनुष्यादि अपना आत्मकल्याण करके दु:खों से मुक्ति पा सकें ।
पर कीड़े-मकोड़े/पेड़-पौधे तो आत्मा को जानते भी नहीं, तो कल्याण कैसे करेंगे ?
असहाय की रक्षा करके, दया के भावों से अपना आत्मकल्याण कर सकते हैं न !
आचार्य श्री विद्यासागर जी
4 Responses
भगवान् श्री महावीर स्वामी ने जियो और जीने का मंत्र दिया गया है। अतः जीव की रक्षा करना आवश्यक है। अतः उक्त कथन सत्य है कि किसी जीव की आत्मा मरती नहीं है। लेकिन मनुष्यादि अपना आत्मकल्याण करके दुखों से मुक्ति पा सकता है लेकिन कीड़े मकोड़े, पेड़ पोधे तो आत्मा को जानते नहीं हैं , तो कल्याण कैसे करेंगे। लेकिन असहाय की रक्षा करके,दया के भावों से अपना कल्याण तो कर ही सकते हैं। अतः प़त्येक जीव की रक्षा करना अपना कर्तव्य है क्योंकि जैन धर्म यही सिखाता है। ं
That means “जीव रक्षा”, manushyon ke liye bataya gaya hai?
सही है, मनुष्य ही तो दया करके अपना कल्याण करने की योग्यता रखता है ।
Okay.