1. पानी छानना – त्रस जीव रक्षा
2. रात्रि भोजन त्याग – पर जीव रक्षा
3. देवदर्शन – स्व-जीव रक्षा
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
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6 Responses
मुनि श्री का कथन सत्य है कि जैनत्व की पहिचान के लिए पानी छानने से त्रस जीवों की रक्षा होती है, रात्रि भोजन का त्याग, इसमें पर जीव की रक्षा होती है, इसके अलावा देवदर्शन से स्व जीव रक्षा! अतः श्रावक को अपना कल्याण करने के लिए इन तीनों का नियम लेना परम आवश्यक है!
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मुनि श्री का कथन सत्य है कि जैनत्व की पहिचान के लिए पानी छानने से त्रस जीवों की रक्षा होती है, रात्रि भोजन का त्याग, इसमें पर जीव की रक्षा होती है, इसके अलावा देवदर्शन से स्व जीव रक्षा! अतः श्रावक को अपना कल्याण करने के लिए इन तीनों का नियम लेना परम आवश्यक है!
‘रात्रि भोजन त्याग – पर जीव रक्षा’ ; isme, ‘पर जीव’ ke daayre me, kaun-kaunse jeev aayenge ?
इसमें त्रस तथा स्थावर दोनों आयेंगे।
Lekin din chipne se pehle bhojan karne par,sthaavar jeevon ki hinsa to phir bhi hoti hogi,na?
एकिंद्रय जीवों के घात से गृहस्थ बच ही नहीं सकता। बस कम से कम करें।
Okay.