ज्ञानकला
मढ़िया जी में आचार्य श्री विद्यासागर जी मंच पर विराजमान थे। तेज़ ठंडी हवा चल रही थी। आ.श्री बिलकुल सहज बैठे थे, जबकि बाकी सब कँपकँपा रहे थे।
कारण पूछने पर आ.श्री ने कहा, “वेदना परिणामः प्रतिक्रिया”* यानि वेदना पर ध्यान देने से वेदना बढ़ती है।
यही आचार्य श्री की ज्ञानकला है।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
*श्री धवला जी, 12वीं पुस्तक
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी ने ज्ञानकला का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है! परिणाम की प़तिक्रिया पूछने पर यानी वेदना पर ध्यान देने पर वेदना बढती है! अतः जीवन में जो ज्ञान रखते हैं,वह लोग कभी वेदना महसूस नहीं करते हैं, समता का भाव रखना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
वेदना से वेदना को
काट सकते आप हो।
अपनाइए जीवन में,
तप रूपी ताप को।।