तेरा / मेरा
तू मेरा न बन सका, कोई बात नहीं;
कम से कम अपना तो बन जा।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
(अपना ही तो सब कुछ है, बाकी तो सपना है)
तू मेरा न बन सका, कोई बात नहीं;
कम से कम अपना तो बन जा।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी
(अपना ही तो सब कुछ है, बाकी तो सपना है)
5 Responses
मुनि महाराज जी का कथन सत्य है कि तू मेरा न बन सका कोई बात नहीं, कम से कम अपना तो बन जा! उपरोक्त कथन भी सत्य है अपना ही सब कुछ है, बाकी तो सपना है! अतः जीवन का कल्याण करना हो तेरा मेरा न करते हुए अपना ही सब कुछ है!
Yah kaun kisase keh raha hai ?
धर्म/ गुरु शिष्य से कह रहे हैं।
अपने अंदर जो गया,
रहता नहीं इंसान।
अंकुर उसमें फूटते,
बनने के भगवान।।
Okay.