उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है… लाभ के लिए त्याग नहीं किया जाता है। सचेतन ओर अचेतन सभी परिग्रह की निवृत्ति को त्याग कहते हैं। स्वयं के आत्म कल्याण के लिए त्याग किया जाता है, न कि किसी लाभ के लिए यही जैन दर्शन की पहिचान है। Reply
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उपरोक्त कथन बिलकुल सत्य है…
लाभ के लिए त्याग नहीं किया जाता है। सचेतन ओर अचेतन सभी परिग्रह की निवृत्ति को त्याग कहते हैं। स्वयं के आत्म कल्याण के लिए त्याग किया जाता है, न कि किसी लाभ के लिए यही जैन दर्शन की पहिचान है।