दान

बिना कुछ दिये/ किये –
रक्त दान – मीठे बोल से रक्त बढ़ना।
श्रम दान – पीठ थपथपाने से थकान उतरना।
अन्न दान – थाली में अन्न न बिगाड़ना।

(सुरेश)

Share this on...

7 Responses

  1. उपरोक्त कथन सत्य है कि बिना कुछ दिये जिसमें रक्त, श्रम एवं अन्न दान होते हैं, इस दान से भी कल्याण होगा ! जैन धर्म में आहार दान, भगवान की मूर्ति मन्दिर में विराजमान करना, करुणा, ज्ञान दान से जीवन का कल्याण हो सकता है!

    1. थाली में नहीं बिगाड़ने से वह हिस्सा किसी और के काम आयेगा तो indirectly तुम्हारा दान हो गया न !

  2. दान में सक्षम नही,
    तो भी करो प्रदान।
    अन्न श्रम ओ रक्त का,
    कर सकते हो दान।।
    कर सकते हो दान,
    अन्न को आप बचाएं।
    थका श्रम से व्यक्ति,
    उसके पैर दबाएं।।
    मीठे बोल, कर प्रशंसा,
    खून बढ़ाएं।
    धेला एक न खर्च,
    दान के फल को पाएं।।

  3. That means ‘थाली में अन्न न बिगाड़ना’ ka meaning hai, ‘अन्न’ ko ‘jhootha’ nahi karna,right ?

    1. थाली में नहीं बिगाड़ने से दूसरों को वह अन्न मिलेगा।
      इस अपेक्षा से अन्न-दान हुआ न !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...

Archives

Archives
Recent Comments

February 7, 2023

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728