धर्म
महावीर भगवान ने सृष्टि के अनुरूप अपनी दृष्टि बनायी।
बौद्ध आदि जैसा महावीर भगवान के नाम से कोई धर्म नहीं बना।
दया, चारित्र, वस्तु के स्वभाव को धर्म कहा।
सच्चा ज्ञान वह नहीं जो दिख रहा है बल्कि यथार्थ को जानना है।
सृष्टि को देखना/समझना धर्म है।
मुनि श्री सुधासागर जी