ध्यान
किसी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करना….
तो क्या अच्छी, बुरी किसी भी वस्तु पर ध्यान लगा सकते हैं ?
जब बच्चा होने वाला होता है, तब सुंदर और स्वस्थ बच्चे का फ़ोटो क्यों लगाते हो? बीमार और कुरूप बच्चे का लगालो!
इसीलिये ध्यान भगवान, गुरु या अपने शुद्ध आत्म स्वरूप पर लगाया जाता है, अशुद्ध चीज़ों पर नहीं; वरना अशुद्ध बनोगे।
चिंतन
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ध्यान का तात्पर्य चित्त की एकाग्रता होना है।यह चार प्रकार के होते हैं, आर्तध्यान,रौद़ध्यान, धर्मध्यान और शुक्लध्यान। धर्मध्यान एवं शुक्लध्यान मोक्ष की प्राप्ति में सहायक होते हैं। आर्तध्यान रौद़ध्यान संसार बढ़ाने वाले होते हैं। अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि जो अच्छा या बुरा सोचना सब संसार बढ़ाने वाले होते हैं। अतः ध्यान लगाना है तो भगवान्, गुरु या अपने आत्मस्वरूप पर लगाया जाना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है। जीवन में अशुद्ध चीजों पर नहीं वरना अशुद्ध हो जायेगा।