पर्वतों की चोटियों पर तप करने से भी ज्यादा कर्म कटते हैं, निंदा को सहन करने से।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि पर्वतों की चोटियों पर तप करने की अपेक्षा ज्यादा कर्म कटते हैं निंदा को सहन करने में होता है! जीवन में निंदा नहीं करना चाहिए, यदि कोई निंदा करता है उसको सहन करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी का कथन सत्य है कि पर्वतों की चोटियों पर तप करने की अपेक्षा ज्यादा कर्म कटते हैं निंदा को सहन करने में होता है! जीवन में निंदा नहीं करना चाहिए, यदि कोई निंदा करता है उसको सहन करना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!