नित्य Quality का विषय,
अवस्थित Quantity का विषय।
आचार्य अकलंक स्वामी ने कहा… नित्यावस्थित यानी हमेशा वैसा बना रहना (पर्याय परिवर्तन तो होगा) जैसे किसी लड़के के लिये कहा जाये कि वह हमेशा हँसता रहता है पर वह सोता/ खाता भी तो है।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (तत्त्वार्थ सूत्र 5/4)
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4 Responses
मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने नित्य एवं अवस्थित को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए प़तिदिन quality का ध्यान रखना परम आवश्यक है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने नित्य एवं अवस्थित को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए प़तिदिन quality का ध्यान रखना परम आवश्यक है।
अवस्थित quantity का विषय kaise hai ? Ise clarify karenge, please ?
द्रव्य छह होते, ना पाँच ना सात। इसे कहते हैं अवस्थित तो यह क्वांटिटी का विषय हुआ या नहीं ?
Okay.