नियंत्रण

मौसम के अनुसार हम पंखे की Speed को नियंत्रित करते रहते हैं।
क्रोधादि को क्यों नहीं करते ?
जबकि ताकतवरों के सामने/ ग्राहकों के सामने तो बहुत विनयशील हो जाते हैं !

चिंतन

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One Response

  1. क़ोध का मतलब अपने और दूसरे के घात या अहित करने रुप अधूरी परिणाम को कहते हैं।यह मनुष्य जीवन की बहुत बड़ी दुर्बलता है। उक्त कथन सत्य है कि क़ोधादि, ताकतवरों के सामने या ग़ाहकों के सामने विनयशील बन जाते हैं। अतः जीवन में पंखे की स्पीड की तरह, अपने क़ोध को नियंत्रण करना परम आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।

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