न्यायालय – जहाँ एक अपराध भी नज़र अंदाज़ ना हो ।
जिनालय – जहाँ एक अपराध पर भी नज़र ना पड़े ।
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5 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि न्यायालय में एक अपराध भी नज़र अंदाज़ नहीं हो सकता है। लेकिन जिनालय में अपराध पर नज़र नहीं होती है लेकिन हर अपराध उसके कर्मों में चिपक जाते हैं,जिसका फल जीवन में मिलता रहेगा जब तक अपने कर्मों की निर्जरा न हो जाय।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि न्यायालय में एक अपराध भी नज़र अंदाज़ नहीं हो सकता है। लेकिन जिनालय में अपराध पर नज़र नहीं होती है लेकिन हर अपराध उसके कर्मों में चिपक जाते हैं,जिसका फल जीवन में मिलता रहेगा जब तक अपने कर्मों की निर्जरा न हो जाय।
Phir bhi yeh aajkal ki vidambana hai, ki log “Jinalaya” na jaakar, “Nyayalaya” hi zyaada jaate hain !
सही,
जो जिनालय जाते हैं उन्हें न्यायालय जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
सही,
जो जिनालय जाते हैं उन्हें न्यायालय जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है।
Jee Uncle.