पति/पत्नि और धर्म
पति को वैदिक परम्परा में ‘पति-परमेश्वर’ कहते हैं।
पर वह ‘परमेश्वर’ कैसे ?
पत्नि जीवन काल में पति को धर्म में लगाये रखती है,
उनके जाने के बाद पत्नी को पूरा समय धर्म के लिये देना चाहिये।
चिंतन
पति को वैदिक परम्परा में ‘पति-परमेश्वर’ कहते हैं।
पर वह ‘परमेश्वर’ कैसे ?
पत्नि जीवन काल में पति को धर्म में लगाये रखती है,
उनके जाने के बाद पत्नी को पूरा समय धर्म के लिये देना चाहिये।
चिंतन
4 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि पति को वैदिक परम्परा में पति परमेश्वर कहते हैं, ऐसा क्यों कहते हैं, इसमें पत्नी जीवन भर पति को धर्म में लगाये रखती है, जबकि पति के जाने के बाद उसको यानी पत्नी को धर्म के लिए पूरा समय देना चाहिए!
Last two lines kya question ka answer hai ? If so, can it be clarified please ?
हाँ, उत्तर है।
पति के निमित्त से ख़ुद तथा पति को परमेश्वर के करीब ले जाती है।
पति के जाने के बाद पूरा समय परमेश्वर के करीब ही।
Okay.