हृदय स्थल पर पद्म की रचना इंगित करती है कि हमारी
पद्म-लेश्या (प्राय:) होना चाहिये ।
ऐसे जीव, अहिंसा को परम हितैषी मानते हैं ।
अपने को दु:ख में रखकर भी दूसरों को सुखी करते हैं ।
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लेश्या—जो आत्मा को शुभाशुभ कार्योँ से लिप्त करे उसे कहते हैं।तीन लेश्या अशुभ होती है एवं तीन लेश्या शुभ होती है।इन्ही तीन शुभ लेश्याओं में पद्म लेश्या शुभ होती है।हृदय स्थल पर पर पद्म की रचना इंगित करती है वह पद्म-लेश्या होती है। ऐसे जीव अहिंसा को परम हितेषी मानते हैं।यह जीव अपने को दुख में भी रहकर दूसरो को सुखी करते हैं।
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लेश्या—जो आत्मा को शुभाशुभ कार्योँ से लिप्त करे उसे कहते हैं।तीन लेश्या अशुभ होती है एवं तीन लेश्या शुभ होती है।इन्ही तीन शुभ लेश्याओं में पद्म लेश्या शुभ होती है।हृदय स्थल पर पर पद्म की रचना इंगित करती है वह पद्म-लेश्या होती है। ऐसे जीव अहिंसा को परम हितेषी मानते हैं।यह जीव अपने को दुख में भी रहकर दूसरो को सुखी करते हैं।