पाप पुण्य और अगला जीवन
इस जीवन में किसी ने लगातार पाप किये पर मरते समय/ अगले जीवन के निर्णय का समय आने पर भाव बहुत अच्छे हो गये/पश्चातापादि कर लिया। तो अगले जीवन में मनुष्य तो बनेगा पर जीवन भर दु:खी रहेगा।
इसका विपरीत… जीवन भर अच्छे काम, अंत में भाव खराब… जानवर बनेगा पर ठाट से सेवा होगी।
गुरुवर मुनि श्री क्षमासागर जी
(यदि पाप इतने ज्यादा किये कि नरक जाना पड़ा तो बड़े-बड़े पुण्य भी छोटे से छोटा फल भी नहीं दे पायेंगे)
4 Responses
मुनि श्री क्षमासागर महाराज जी ने पाप पुण्य और अगला जीवन की परिभाषा की गई है वह पूर्ण सत्य है! जीवन में पाप करना नहीँ चाहिए यदि हो जाता है तो प़ायश्चित लेना चाहिए ताकि अगला जीवन में सुधार हो सकता है! अतः जीवन में हमेशा अच्छे कर्म करते रहना चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है!
Bracket me point kiska hai ?
मेरा।
Okay.