पुण्य भोग अमेरिकन ज्यादा रहे हैं, कमा भारतीय ज्यादा रहे हैं ।
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पुण्य से ही मनुष्य योनि अमेरिका एवं भारत में मिली है. लेकिन अमेरिका में पुण्य का उपयोग पाप एवं भोग विलास में करते हैं जब की भारत में पुण्य का उपयोग ज्यादातर परमाथॅ में करते हैं। इसके कारण भारत में ही अधिक पुण्य कमाते हैं। दुनिया में भारतीय संस्कृति का ही महत्व है जो पुरानी है एवं आज भी कायम है।
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पुण्य से ही मनुष्य योनि अमेरिका एवं भारत में मिली है. लेकिन अमेरिका में पुण्य का उपयोग पाप एवं भोग विलास में करते हैं जब की भारत में पुण्य का उपयोग ज्यादातर परमाथॅ में करते हैं। इसके कारण भारत में ही अधिक पुण्य कमाते हैं। दुनिया में भारतीय संस्कृति का ही महत्व है जो पुरानी है एवं आज भी कायम है।