सब कुछ तो..गिरवी पड़ा है..
जिम्मेदारी के..बाजार में…
(ब्र.संजय)
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आजकल ज्यादातर लोगों को फुसॅत नहीं है क्योंकि जो चीजें प्रकृति के द्वारा मिली है उसकी रक्षा में व्यस्त रहते हैं। उनको यह ज्ञात नहीं है कि वह चीजें मरण के बाद नहींं रहेंगी। अतः उचित होगा कि धर्म से जुडने का प्रयास करें जिससे आत्मा की पवित्रता के लिए फुसॅत निकालना ही होगी तभी कल्याण होगा।
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आजकल ज्यादातर लोगों को फुसॅत नहीं है क्योंकि जो चीजें प्रकृति के द्वारा मिली है उसकी रक्षा में व्यस्त रहते हैं। उनको यह ज्ञात नहीं है कि वह चीजें मरण के बाद नहींं रहेंगी। अतः उचित होगा कि धर्म से जुडने का प्रयास करें जिससे आत्मा की पवित्रता के लिए फुसॅत निकालना ही होगी तभी कल्याण होगा।