बदनाम
एक बुजुर्ग को गाली देने की आदत थी। इसी अवगुण से वे जाने जाते थे।
उनके बच्चों को चिंता हुई।
पिता की बदनामी को मिटाने का उन्होंने तरीका यह निकाला… वे पिता की Side में डंडा लेकर बैठ जाते और सबको डंडा मारते।
समाज कहने लगी… इन लड़कों से तो पिता ही अच्छे हैं।
ब्र.डॉ.नीलेश भैया
(दर्द मिटाने का यह भी एक तरीका है… बड़ा दर्द पैदा कर दो)
4 Responses
ब़, डा़ नैलेश भैया जी ने बदनाम का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन के कल्याण के लिए कभी भी बदनामी से बचना परम आवश्यक है। अतः ऐसा कार्य नहीं करना है कि बदनाम हो सको।
Can symbolic meaning of the post be explained, please ?
कोई भी दर्द असहनीय नहीं होता। जब बड़ा दर्द आ जाता है तो छोटा भुला दिया जाता है।
Okay.