बात मानना/करना
जब सब अपनी अपनी ही मानते और करते रहते हैं फिर भी खुश क्यों नहीं रहते ?
इसीलिये क्योंकि वे अपने मन की ही करना चाहते हैं दूसरों की सुनते ही नहीं, इससे दूसरे दु:खी रहते हैं, फिर हम खुश कैसे रह पायेंगे !
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
जब सब अपनी अपनी ही मानते और करते रहते हैं फिर भी खुश क्यों नहीं रहते ?
इसीलिये क्योंकि वे अपने मन की ही करना चाहते हैं दूसरों की सुनते ही नहीं, इससे दूसरे दु:खी रहते हैं, फिर हम खुश कैसे रह पायेंगे !
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
जीवन में सुखी रहने के लिए किसी की बात सुनकर मानकर करने का प़यास करना चाहिए ताकि सामने वाला दुखी न हो सके।यह कथन सही है कि लोग अपने मन की बात मानने का ही प़यास करता है जिसके कारण सामने वाला दुखी होता है और आप भी दुखी होते रहेगे।