भगवान सिर्फ वहां नहीं है ,जहां हम प्रार्थना करते हैं ;
भगवान वहां भी है, जहां हम गुनाह करते हैं ।
(सुरेश)
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भगवान् तो कण कण में हैं । भगवान् सभी के आत्मा में विराजमान हैं। महाराज से कहा कि मन्दिर क्यों जाते हैं क्योंकि कण कण में भगवान् हैं । तब महाराज ने कहा कि जब आपकी गाड़ी में हवा निकल जाती तब हवा के लिए वकॅशोप जाना पडता है जबकि हवा तो कण कण में हैं । भगवान् के मन्दिर में जाने के बाद ही सभी समस्याओं का समाधान होता है।
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भगवान् तो कण कण में हैं । भगवान् सभी के आत्मा में विराजमान हैं। महाराज से कहा कि मन्दिर क्यों जाते हैं क्योंकि कण कण में भगवान् हैं । तब महाराज ने कहा कि जब आपकी गाड़ी में हवा निकल जाती तब हवा के लिए वकॅशोप जाना पडता है जबकि हवा तो कण कण में हैं । भगवान् के मन्दिर में जाने के बाद ही सभी समस्याओं का समाधान होता है।