चूंकि वे नित्य-निगोद से आये थे, पूर्व के संस्कार ही नहीं थे रागद्वेष/बोलने के, इसीलिये भी वे नहीं बोलते थे ।
मुनि श्री सुधा सागर जी
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4 Responses
यह कथन भी हो सकता है कि भरत की पुत्रों का बोलना इसलिये नहीं हुआ क्योंकि उनके पूर्व जन्म में राग द्वेष और आपित्ति जनक बोलने के कारण उनको इस भव में बोलने का अधिकार नहीं मिल सका था।
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यह कथन भी हो सकता है कि भरत की पुत्रों का बोलना इसलिये नहीं हुआ क्योंकि उनके पूर्व जन्म में राग द्वेष और आपित्ति जनक बोलने के कारण उनको इस भव में बोलने का अधिकार नहीं मिल सका था।
Toh kya woh actually mein “goonge” nahin the?
वे गूंगे नहीं थे,
तभी तो 8वर्ष पूरे होने पर भगवान से बोले।
Okay.