भगवान के भरोसे क्यों बैठे रहते हो !
क्या पता भगवान आपके भरोसे बैठा हो ।
(प्रांजल)
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4 Responses
भाग्य तो कमोँ द्वारा निर्धारित होता है, न कि भगवान् के द्वारा होता है। लेकिन आजकल लोग भगवान् भरोसे रहता है जो उचित नहीं है।भाग्य निर्धारित पुरुषार्थ से होता है।अतः उचित होगा कि धर्म से जुडने का प़यास करना चाहिए तभी अच्छे बुरे पुरुषार्थ का ज्ञान हो सकता है।
जो भगवान को कर्म-फल देने वाला मानते हैं, उनसे भी फल देने के लिए भगवान कुछ पुरुषार्थ तो चाहेगा ही।
नम्बर लेने के लिए उत्तर-पुस्तक पर कुछ लिखना तो पड़ेगा ।
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भाग्य तो कमोँ द्वारा निर्धारित होता है, न कि भगवान् के द्वारा होता है। लेकिन आजकल लोग भगवान् भरोसे रहता है जो उचित नहीं है।भाग्य निर्धारित पुरुषार्थ से होता है।अतः उचित होगा कि धर्म से जुडने का प़यास करना चाहिए तभी अच्छे बुरे पुरुषार्थ का ज्ञान हो सकता है।
Can meaning of the last line be explained please?
जो भगवान को कर्म-फल देने वाला मानते हैं, उनसे भी फल देने के लिए भगवान कुछ पुरुषार्थ तो चाहेगा ही।
नम्बर लेने के लिए उत्तर-पुस्तक पर कुछ लिखना तो पड़ेगा ।
Okay.