भाव शुद्धि

1. समभाव – सब जीवों पर ।
2. ममभाव – कम करें ।
3. प्राणायाम – शरीर शुद्धि से भाव शुद्धि भी ।

मुनि श्री प्रणम्यसागर जी

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One Response

  1. भाव का तात्पर्य जीव के परिणाम को कहते हैं। अशुद्धि भाव को शुद्ध भाव करना आवश्यक है। शुद्धि भाव के लिए समभाव सभी जीवों पर,ममभाव कम करना एवं प्राणायाम से शरीर शुद्धि से भाव शुद्धि भी आवश्यक है।

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