भाव सहित बिना माला (उँगलियों पर) के भी मालामाल हो सकते हैं ।
भाव रहित सोने की माला फेरने से भी सूने रह सकते हैं ।
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यह कथन बिलकुल सही है – – जब तक मन में भावना नहीं होगी, तब तक उपासना करने का महत्त्व नहीं होगा । पवित्र भाव के लिए धर्म का आलंबन लेना चाहिए, तभी आपकी पवित्र भावना होगी । पवित्र भाव से माला फेरना या पूजा करनी चाहिए, तभी आपका कल्याण होगा अन्यथा आप कितनी भी धार्मिक क्रियायें करें, तो भी लाभ नहीं मिलेगा ।
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यह कथन बिलकुल सही है – – जब तक मन में भावना नहीं होगी, तब तक उपासना करने का महत्त्व नहीं होगा । पवित्र भाव के लिए धर्म का आलंबन लेना चाहिए, तभी आपकी पवित्र भावना होगी । पवित्र भाव से माला फेरना या पूजा करनी चाहिए, तभी आपका कल्याण होगा अन्यथा आप कितनी भी धार्मिक क्रियायें करें, तो भी लाभ नहीं मिलेगा ।