नाटक की परिभाषा – बिना भाव की क्रिया ।
क्या हम भी धार्मिक क्रियायें ऐसे ही तो नहीं कर रहे हैं ?
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जीवन में भाव का बहुत बडा महत्व है।जो नाटक करते हैं उसमें उनके वह भाव नहीं रहते हैं, जिसकी वह भूमिका निभाते हैं।जो लोग धार्मिक क़ियायें करते हैं उनमें धर्म के भाव रहते हैं तभी उनका जीवन सफल होता है।जो लोग बिना भाव के करते हैं वह जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो सकते हैं।
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जीवन में भाव का बहुत बडा महत्व है।जो नाटक करते हैं उसमें उनके वह भाव नहीं रहते हैं, जिसकी वह भूमिका निभाते हैं।जो लोग धार्मिक क़ियायें करते हैं उनमें धर्म के भाव रहते हैं तभी उनका जीवन सफल होता है।जो लोग बिना भाव के करते हैं वह जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफल नहीं हो सकते हैं।