भेदविज्ञान
यदि चावल और कंकड़ में भेद नहीं किया तो दांत टूट जायेंगे।
(हित/ अहित, शरीर/ आत्मा में भेद नहीं किया तो जीवन टूट जायेगा)
आचार्य श्री विद्यासागर जी
यदि चावल और कंकड़ में भेद नहीं किया तो दांत टूट जायेंगे।
(हित/ अहित, शरीर/ आत्मा में भेद नहीं किया तो जीवन टूट जायेगा)
आचार्य श्री विद्यासागर जी
2 Responses
आचार्य विद्यासागर महाराज जी ने भेदविज्ञान की परिभाषा बताई गई है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए भेदविज्ञान पर श्रद्धान करना परम आवश्यक है।
[7/9/2023, 2:27 PM] Dr R K Jain: जिस पथ पर तुम चल रहे,
करें न उसका त्याग।
ठोकर खाते वो जन,
जाते बीच से भाग।।
[7/9/2023, 2:41 PM] Dr R K Jain: जीवन का तो अंत है
दौलत का नहीं अंत।
मन को निस्पृह कीजिए,
पैदा करिए संत।।
[2/22, 6:54 PM] Dr R K Jain: सल्लेखना, निज को देखना।
तन को तज कर,मन को साधना।।
मुक्ति पथ पर पग बढ़ाना,
कर के, अरिहंत की आराधना।।
[2/23, 9:23 AM] Dr R K Jain: Short करें उपयोग
अगर वक्त हो अल्प।
शॉर्ट नहीं बन सकता
विस्तृत रूप विकल्प।।
[2/26, 7:44 PM] Dr R K Jain: जिनवाणी दिखला रही
हमें मोक्ष का मार्ग।
छोड़ नहीं हम पा रहे,
पर वस्तु अनुराग।।
[2/28, 8:55 PM] Dr R K Jain: भेद ज्ञान यदि पास है,
समझो सच्चा ज्ञान।
भले बुरे की आप नित
कर सकते पहचान।।
[2/28, 8:59 PM] Dr R K Jain: दुःख सहने की शक्ति
पास उसी के होती है।
मिलने की भगवन से
जब लगन लगी होती है।।