भोग को मिठाई की तरह भोगोगे (स्वाद ले ले कर, खूब मात्रा में) तो दवाई खाना पड़ेगी ।
दवाई की तरह लोगो (मजबूरी/ कम मात्रा में) तो जीवन मिठाई जैसा हो जायेगा ।
Share this on...
One Response
भोग का मतलब जो वस्तु एक ही बार भोगने में आती है, उसे कहते हैं जैसे अन्न,पान,गंध माला आदि ।
अतः उक्त कथन सत्य है कि भोग को मिठाई की तरह भोगोगे तो स्वाद ले ले कर यानी अधिक मात्रा में तो दवाईयां खाना पड़ती हैं। दवाई की तरह लोगे, मज़बूरी या कम मात्रा में तो जीवन मिठाई जैसा हो जायेगा। अतः जीवन में मिठाई का भोग कम से कम करना चाहिए ताकि बीमारियों से बच सको।
One Response
भोग का मतलब जो वस्तु एक ही बार भोगने में आती है, उसे कहते हैं जैसे अन्न,पान,गंध माला आदि ।
अतः उक्त कथन सत्य है कि भोग को मिठाई की तरह भोगोगे तो स्वाद ले ले कर यानी अधिक मात्रा में तो दवाईयां खाना पड़ती हैं। दवाई की तरह लोगे, मज़बूरी या कम मात्रा में तो जीवन मिठाई जैसा हो जायेगा। अतः जीवन में मिठाई का भोग कम से कम करना चाहिए ताकि बीमारियों से बच सको।