णमोकारादि मंत्र खूब भाते हैं पर अतिशय कम दिखता है, कारण ?
गाकर आनंद लेते हैं/पुण्य कमाते हैं पर उसका ध्यान नहीं करते । रागीओं के मंत्रों पर वे ध्यान लगाते हैं तो उसका असर दिखायी देता है ।
चिंतन
मंत्रों का जीवन में तभी प़भाव होगा जब अपने अंतरग में उनसे राग और विशुद्व भाव हों ।
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Comment *
Name *
Email *
Website
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.
This question is for testing whether you are a human visitor and to prevent automated spam submissions. *Captcha loading...In order to pass the CAPTCHA please enable JavaScript.
One Response
मंत्रों का जीवन में तभी प़भाव होगा जब अपने अंतरग में उनसे राग और विशुद्व भाव हों ।