मनःपर्यय ज्ञान…
1. ऋजुमति – 3 प्रकार का –> सरल मन, वचन, काय की चेष्टाओं को जाने।
2. विपुलमति – 6 प्रकार का –> सरल मन, वचन, काय + कुटिल मन, वचन, काय को जानने वाला।
सरल/ Real हमारी, कृत्रिम अभिनेताओं की, कुटिल Suspense सिनेमा में।
मुनि श्री प्रणम्यसागर जी (जीवकाण्ड :गाथा– 439)
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने मनः पर्याय को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।
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मुनि श्री प़णम्यसागर महाराज जी ने मनः पर्याय को परिभाषित किया गया है वह पूर्ण सत्य है।