मन / शरीर
चक्की के दो पाट, एक गतिमान दूसरा स्थिर, तभी अनाज पिसता है;
दोनों गतिमान रहेंगे तो कार्य(आटा पिसना) होगा क्या ?
जब मन स्थिर, शरीर गतिमान होगा, तभी सफलता मिलेगी।
(सुरेश)
चक्की के दो पाट, एक गतिमान दूसरा स्थिर, तभी अनाज पिसता है;
दोनों गतिमान रहेंगे तो कार्य(आटा पिसना) होगा क्या ?
जब मन स्थिर, शरीर गतिमान होगा, तभी सफलता मिलेगी।
(सुरेश)
2 Responses
उपरोक्त कथन सत्य है कि चक्की के दो पाट जिसमें एक गतिमान जबकि दूसरा स्थिर तभी अनाज पिसता है! अतः जब मन स्थिर और शरीर गतिमान होगा तभी सफलता मिलती है!
Beautiful post ! Hum opposite karte hain, isliye aksar dukhi rehte hain !