मर्यादा
मनुष्य जागते में भी गिर जाते हैं; पक्षी सोते में भी नहीं।
कारण ?
पक्षी अपनी मर्यादा कभी नहीं छोड़ते; जबकि मनुष्य मर्यादा तोड़ने में अपनी शान मानते हैं।
मुनि श्री प्रमाणसागर
मनुष्य जागते में भी गिर जाते हैं; पक्षी सोते में भी नहीं।
कारण ?
पक्षी अपनी मर्यादा कभी नहीं छोड़ते; जबकि मनुष्य मर्यादा तोड़ने में अपनी शान मानते हैं।
मुनि श्री प्रमाणसागर
One Response
मर्यादा का तात्पर्य जीवन में हर क्षेत्र में सीमा निर्धारित करना परम आवश्यक है। जैन धर्म में मर्यादा रखना आवश्यक है ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है।
अतः उपरोक्त कथन सत्य है कि मनुष्य जागते हुए भी गिर जाता है, लेकिन पक्षी सोते हुए भी गिरते नहीं । मनुष्य की यही कमजोरी है कि मर्यादा को तोड़ने के लिए भी अपनी शान दिखाते हैं।इस प्रकार के मनुष्य कभी जीवन में सफल नहीं हो सकते हैं।