पूजा मूर्ति की या मूर्तिमान की ?
मूर्तियों के पंचकल्याणक तो अलग-अलग तिथियों पर मनाते हैं, लेकिन उन मूर्तियों की पूजा में मूर्तिमान के कल्याणकों की वास्तविक तिथियाँ ही बोलते हैं। तो पूजा मूर्ति की या मूर्तिमान की ?
2) हर मूर्ति को किसी न किसी भगवान का नाम देना ही बताता है कि पूजा मूर्तिमान की होती है।
मुनि श्री सुधासागर जी
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उपरोक्त कथन सत्य है कि मूर्ति को मूर्तिमान बनाने के लिए पंचकल्याणक होना आवश्यक है, इसके लिए आचार्य एवं गुरुओं द्वारा विधिवत मंत्रों के द्वारा प़तिस्ठित किया जाता है,तभी मूर्तमान की पूजा आदि की जाती है। अतः बिना पंचकल्याणक के मूर्ति को नहीं पूजा सकता है।