मोक्ष जानने की प्रक्रिया जानने मात्र से मोक्ष नहीं मिलेगा ।
सीढ़ियाँ खुद ही चढ़नी होंगी, अंतिम सीढ़ी पर अंतरमन के लिये खड़ा रहना होगा ।
बैलेंस बिगड़े तो उतरकर फिर चढ़ना होगा ।
ज्ञानशाला
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3 Responses
समस्त कार्यों से रहित आत्मा की विशुद्ध अवस्था का नाम मोक्ष है। मोक्ष मार्ग—सम्यग्दर्शन,सम्यग्ज्ञान और सम्यकचारित्र इन तीनों की एकता ही मोक्ष मार्ग है।
यह कथन सत्य है कि मोक्ष जानने की प़किया जानने मात्र से मोक्ष नहीं मिलेगा, इसके लिए सीढ़ियां खुद ही चढ़नी होगी,अन्तिम सीढ़ी पर अंतरमन के लिए खड़ा रहना होगा, बेलेंस बिगड़ने पर तो उतरकर फिर चढ़ना होगा। अतः मोक्ष मार्ग पर चलने से ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
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समस्त कार्यों से रहित आत्मा की विशुद्ध अवस्था का नाम मोक्ष है। मोक्ष मार्ग—सम्यग्दर्शन,सम्यग्ज्ञान और सम्यकचारित्र इन तीनों की एकता ही मोक्ष मार्ग है।
यह कथन सत्य है कि मोक्ष जानने की प़किया जानने मात्र से मोक्ष नहीं मिलेगा, इसके लिए सीढ़ियां खुद ही चढ़नी होगी,अन्तिम सीढ़ी पर अंतरमन के लिए खड़ा रहना होगा, बेलेंस बिगड़ने पर तो उतरकर फिर चढ़ना होगा। अतः मोक्ष मार्ग पर चलने से ही मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
“अंतरमन” ka kya meaning hai, please?
मन दो प्रकार का…
1) ऊपरी मन…ये लेलूं/खालूं
2) अंतर मन…अनुभूति/मन की गहराइयों में बैठ कर चिंतन करना