मोह
जब हमें कोई धोखा देता है/ हमारा अहित करता है, उसे हम बैरी मानते हैं।
लेकिन मोह युगों से हमें धोखा देता आ रहा है/ हमारा अहित करता आ रहा है, फिर भी हम उसे अच्छा/ प्रिय मानते आ रहे हैं!
कारण ?
अपने को झूठा आश्वासन देते रहते हैं कि आज नहीं पर आगे हितकारी होगा।
मुनि श्री प्रमाणसागर जी
One Response
मुनि श्री प़माणसागर महाराज जी ने मोह का उदाहरण दिया गया है वह पूर्ण सत्य है। अतः जीवन का कल्याण करने के लिए मोह का त्याग करना परम आवश्यक है।