मोह
मोह पुण्य को पाप में परिवर्तित कर देता है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(पुण्य से जो पुत्र आदि मिले हैं, उनसे मोह करके पाप ही तो अर्जित कर रहे हो !)
मोह पुण्य को पाप में परिवर्तित कर देता है ।
आचार्य श्री विद्यासागर जी
(पुण्य से जो पुत्र आदि मिले हैं, उनसे मोह करके पाप ही तो अर्जित कर रहे हो !)
2 Responses
Aacharya shri vidyasagar maharaj ko namostu……
Its a true fact of human life…….