यह कथन सत्य है कि जीवन में मूक नहीं होना चाहिए बल्कि मौन रहना चाहिए। केवलज्ञान से पहले भगवान मौन के होता है । Reply
मूक 1) पापोदय से मूक (मूक-वधिर) 2) नाराज़ी से चुप होना 3) उदासीनता/ निराशा से न बोलना मौन संकल्प सहित ना बोलना/ बोलने के भाव भी नहीं रखना । Reply
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यह कथन सत्य है कि जीवन में मूक नहीं होना चाहिए बल्कि मौन रहना चाहिए। केवलज्ञान से पहले भगवान मौन के होता है ।
Can difference between the two be explained please?
मूक
1) पापोदय से मूक (मूक-वधिर)
2) नाराज़ी से चुप होना
3) उदासीनता/ निराशा से न बोलना
मौन
संकल्प सहित ना बोलना/ बोलने के भाव भी नहीं रखना ।