राग और तप

सूर्योदय लाल होता है (राग का प्रतीक)
दोपहर तपते तपते सफेद/तेजस्वी;
राग को कम/खत्म करने के लिये तप बहुत महत्वपूर्ण है ।

सूर्यास्त फ़िर लाल (ढ़लती उम्र में प्रायः राग फ़िर से उभर आता है),
सावधान !
ये लाली अंधकार में परिवर्तित हो जाती है !!

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One Response

  1. राग का मतलब इष्ट पदार्थों में प्रीति और हर्ष होना होता है। यह भी दो प्रकार के होते हैं प़शस्त राग और अप़शस्त राग।
    तप का मतलब इच्छाओं का निरोध करना होता है,तप के द्वारा कर्मों की निर्जरा होती है,यह भी दो प्रकार के होते हैं ब़ाह्य और अभ्यन्तर। अतः उक्त कथन सत्य है कि सूर्योदय लाल होता है जो राग का प्रतीक है, अतः राग को कम या समाप्त करने के लिए तप अनिवार्य है। यह भी सही है कि ढलती उम्र में राग फिर उभर आता है, अतः सावधानी होना चाहिए क्योंकि यह लाली अंधकार में परिवर्तित हो जाती है। जीवन में राग रखना है तो भगवान और गुरु में होना आवश्यक है।

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