रात्रि में कुल्ला
ना तो रात्रि में कुल्ला करें और ना ही बिना कुल्ला करे मंदिर में बोल कर अर्घ चढ़ायें (दुर्गंध न फैलायें)
मुनि श्री सुधासागर जी
ना तो रात्रि में कुल्ला करें और ना ही बिना कुल्ला करे मंदिर में बोल कर अर्घ चढ़ायें (दुर्गंध न फैलायें)
मुनि श्री सुधासागर जी
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जैन धर्म के अनुसार शाम सूरज छिपने से आधा घंटा पूर्व ही कुल्ला कर लेते हैं,सुबह सूरज की किरणों के आने के बाद ही मन्दिर में अभिषेक शुरू होता है, इसलिए कुल्ला करके नहा धोकर ही मन्दिर जाते हैं, इसलिए दुर्गंध फैलने का सवाल नहीं है।