रिश्तों में झुकना कोई अज़ीव बात नहीं,
सूरज भी तो ढल जाता है, चाँद के लिए !
जीवन के कुछ संबंध ऐसे होने चाहिए !!
(सुरेश)
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उपरोक्त कथन सत्य है कि रिश्तों में झुकना अजीव नहीं है लेकिन रिश्ते ऐसे होना आवश्यक है जो कभी बिखर नहीं सकें इसके लिए हृदय में असीम प़सन्नता हो सके। जब जिनेन्द्र भगवान के साथ झुककर असीम आत्मा में आनंद और प़सन्नता होना चाहिए जिससे उक्त रिश्ते कभी टूटना नहीं चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है ।
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उपरोक्त कथन सत्य है कि रिश्तों में झुकना अजीव नहीं है लेकिन रिश्ते ऐसे होना आवश्यक है जो कभी बिखर नहीं सकें इसके लिए हृदय में असीम प़सन्नता हो सके। जब जिनेन्द्र भगवान के साथ झुककर असीम आत्मा में आनंद और प़सन्नता होना चाहिए जिससे उक्त रिश्ते कभी टूटना नहीं चाहिए ताकि जीवन का कल्याण हो सकता है ।